Ezekiel 6
1 प्रभु का यह सन्देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझ से कहा,
2 ‘ओ मानव-सन्तान, अपना मुख इस्राएल प्रदेश के पहाड़ों की ओर कर, और उनके विरुद्ध यह नबूवत कर:
3 ओ इस्राएल के पहाड़ो! स्वामी-प्रभु का यह सन्देश सुनो: स्वामी-प्रभु पहाड़ों और पहाड़ियों, घाटियों और तराइयों के सम्बन्ध में यों कहता है: देखो, मैं, हाँ मैं, तुम पर शत्रु की तलवार चलवाऊंगा, और यों मैं तुम्हारी पहाड़ी शिखर के पूजागृह नष्ट कर दूंगा।
4 तुम्हारी वेदियां उजड़ जाएंगी। शत्रु तुम्हारी सूर्य की प्रतिमाएं तोड़ डालेंगे। मैं तुम्हारे मृत लोगों को तुम्हारी इन मूर्तियों के आगे फेंक दूंगा।
5 मैं इस्राएलियों के शव उनकी मूर्तियों के सम्मुख डालूंगा। ओ इस्राएलियो, मैं तुम्हारी वेदियों के चारों ओर तुम्हारे शव की हड्डियाँ बिखेरूंगा।
6 तुम्हारे जितने आबाद नगर हैं, वे सब उजड़ जाएंगे, तुम्हारे पहाड़ी शिखर के पूजागृह खण्डहर हो जाएंगे, और यों तुम्हारी वेदियां उजाड़ और ध्वस्त हो जाएंगी, तुम्हारी मूर्तियां तोड़ी जाएंगी, तुम्हारी सूर्य की प्रतिमाएं टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगी, और यों तुम्हारे हाथ की ये रचनाएं भूमि की सतह से मिट जाएंगी।
7 तुम्हारे मध्य में शवों के ढेर लगे होंगे। तब तुम्हें अनुभव होगा कि मैं प्रभु हूं।
8 ‘फिर भी ओ इस्राएलियो, मैं तुम में से कुछ लोगों को जीवित छोड़ दूंगा। कुछ लोग तलवार की मार से बच जाएंगे, और वे अन्य राष्ट्रों में तितर-बितर हो जाएंगे। अन्य देशों में बिखरे हुए ये ही लोग बचेंगे।
9 तुम्हारे ये बचे हुए लोग उन राष्ट्रों में मुझे स्मरण करेंगे, जहाँ वे बन्दी बनकर निष्कासित हुए थे। वे याद करेंगे कि मैंने उनको दण्ड दिया था, क्योंकि उन दिनों में उनके हृदय की निष्ठा मेरे प्रति नहीं रही थी। और उन्होंने मेरी ओर से आंखें हटा ली थीं, और उन्होंने अन्य देवताओं की मूर्तियों पर कामनापूर्ण दृष्टि की थी। वे यह अनुभव कर अपने घृणित कार्यों के लिए स्वयं अपनी दृष्टि में घृणित ठहरेंगे, और कहेंगे कि उन्होंने कितने दुष्कर्म किये हैं।
10 तब उन्हें ज्ञात होगा कि मैं प्रभु हूं और जो मैंने यह कहा कि मैं उनका अनिष्ट करूंगा, वह व्यर्थ नहीं कहा था।’
11 स्वामी-प्रभु यों कहता है ‘व्यंग्य से हाथ पर हाथ मारकर और घृणा से भूमि पर पैर पटककर कहो, “थू! थू! इस्राएल के कुल ने कितने घृणित दुष्कर्म किए।” निस्सन्देह वे तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे। वे अकाल और महामारी से मर जाएंगे।
12 जो इस्राएल प्रदेश से दूर होगा, वह महामारी से मरेगा, और जो प्रदेश में होगा, वह शत्रु की तलवार से मरेगा। जो महामारी और तलवार की मार से बच जाएगा, वह अकाल से मर जाएगा। इस प्रकार मैं इस्राएलियों के प्रति अपनी क्रोधाग्नि भड़काऊंगा
13 ओ इस्राएलियो, जब तुम पहाड़ियों, पहाड़ों के शिखरों, हरे वृक्ष के नीचे, घने बांज वृक्ष की छाया तले स्थापित वेदियों की मूर्तियों के सम्मुख अपने जाति-बन्धुओं के शव पड़े हुए देखोगे, जहां वे मूर्तियों के सम्मुख धूप-द्रव्य जलाते थे, तब तुम्हें ज्ञात होगा कि मैं प्रभु हूँ।
14 मैं उन पर अपना विनाशकारी हाथ उठाऊंगा, और उनकी समस्त बस्तियों को − दक्षिण के निर्जन प्रदेश से उत्तर में रिबलाह नगर तक − सम्पूर्ण देश को उजाड़ और निर्जन बना दूंगा। तब उन्हें मालूम होगा कि मैं प्रभु हूं।’