Ezekiel 30
1 प्रभु का यह सन्देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,
2 ‘ओ मानव, तू यह नबूवत कर, और कह: स्वामी-प्रभु यों कहता है: “छाती पीट कर रोओ: हाय! विनाश का दिन आ गया।
3 विनाश का दिन आ गया। प्रभु का दिन समीप आ गया। उस दिन संकट के बादल छा जाएंगे− समस्त राष्ट्रों के लिए वह दण्ड का दिन होगा।
4 दोधारी तलवार मिस्र देश पर टूट पड़ेगी जब मिस्र-देश में लोग तलवार से कट-कटकर गिरेंगे, जब मिस्र देश की समस्त धन-सम्पत्ति लूट ली जाएगी, जब उसकी आधार-शिला टुकड़े-टुकड़े हो जाएगी, तब उसके विनाश को देखकर कूश देश डर से आतंकित हो उठेगा।
5 मिस्र निवासियों के पतन के साथ कूश, पूत, लूद, अरब और कूब देशों के तथा उस देश के निवासी भी जो संघ में सम्मिलित हैं, तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे।”
6 ‘प्रभु यों कहता है: मिस्र की सहायता करनेवालों का पतन होगा; जो मिस्र पर घमण्ड करते हैं, वे भी भूमि पर धराशायी होंगे। स्वामी-प्रभु यह कहता है: मिग्दोल से सबेने तक समस्त मिस्र देश के निवासी तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे।
7 उजाड़ देशों के मध्य वह भी उजाड़ रहेगा; उसके नगर उजाड़ पड़े नगरों के समान उजाड़ हो जाएंगे।
8 जब मैं मिस्र देश में आग लगा दूंगा, जब मैं उसके सहायकों को नष्ट कर दूंगा, तब मिस्र-निवासियों को ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।
9 ‘उस दिन मैं अपने पास से सन्देश-वाहक दूत भेजूंगा। वे जलयानों पर चढ़कर कूश देश जाएंगे, और उसके निश्चिंत निवासियों को डराएंगे। वे मिस्र देश के विनाश को देखकर उस दिन भय से आतंकित हो उठेंगे। ‘देखो, विनाश का दिन आ रहा है।
10 ‘स्वामी-प्रभु यों कहता है: मैं मिस्र देश के धन-वैभव को समाप्त कर दूंगा, बेबीलोन का राजा नबूकदनेस्सर उसको अपने अधिकार में कर लेगा।
11 मिस्र देश को उजाड़ने के लिए वह और उसके राष्ट्र के लोग जो विश्व की कठोरतम कौम है, मिस्र देश में प्रवेश करेंगे। वे मिस्र देश पर तलवार उठाएंगे, और समस्त देश को लाशों से पाट देंगे।
12 मैं नील नदी को सुखा दूंगा, मैं मिस्र देश को दुर्जनों के हाथ में बेच दूंगा। मैं विदेशियों के हाथ से सम्पूर्ण देश को, प्रत्येक वस्तु को, देश के समस्त प्राणियों को उजाड़ दूंगा।’ मुझ-प्रभु की यही वाणी है।’
13 स्वामी प्रभु यों कहता है: ‘मैं समस्त मूर्तियों को, मेम्फिस नगर की सब मूर्तियों को नष्ट कर दूंगा। समस्त मिस्र देश में एक भी शासक जीवित नहीं रहेगा; और यों मैं समस्त देश में आतंक उत्पन्न कर दूंगा।
14 मैं पत्रोस नगर को उजाड़ दूंगा, सोअन नगर में आग लगा दूंगा; मैं नो नगर को दण्ड दूंगा।
15 सीन नगर मिस्र देश का गढ़ है, मैं उस पर भी अपनी क्रोधाग्नि बरसाऊंगा; और नो नगर की विशाल आबादी मौत के घाट उतर जाएगी।
16 मैं मिस्र देश में आग लगाऊंगा, और सीन नगर थरथरा उठेगा। नो नगर की दीवारों में दरार पड़ जाएगी, और वे भर-भरा कर भूमि पर गिर पड़ेंगी।
17 ओन और पीवेसेत नगरों के जवान तलवार से वध किए जाएंगे; और उनकी स्त्रियाँ गुलाम बनकर विदेश जाएंगी।
18 जब मैं मिस्र के राज्य का अन्त करूंगा, और जब उसका घमण्ड चूर-चूर हो जाएगा, तब तहपन्हेस नगर में दिन का प्रकाश अन्धकार में बदल जाएगा, सम्पूर्ण मिस्र देश बादल से ढक जाएगा; और उसकी सब पुत्रियां गुलाम बनकर विदेश चली जाएंगी।
19 इस प्रकार मैं मिस्र देश को दण्ड दूंगा। तब मिस्र-निवासियों को मालूम होगा कि मैं ही प्रभु हूं।’
20 निष्कासन के ग्यारहवें वर्ष के पहले महीने की सातवीं तारीख को प्रभु का यह सन्देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,
21 ‘ओ मानव, सुन, मैंने मिस्र के राजा की भुजा तोड़ दी। देख, भुजा को किसी ने जोड़ा नहीं। और न ही उसको स्वस्थ करने के लिए उस पर किसी ने पट्टी बांधी। उसमें इतना बल नहीं है कि वह तलवार उठा सके।
22 इसलिए मैं, स्वामी-प्रभु, यों कहता हूँ: देख, मैं मिस्र देश के राजा फरओ के विरुद्ध हूं। मैं उसकी दोनों भुजाएं तोड़ डालूंगा: स्वस्थ भुजा और टूटी हुई भुजा, दोनों को, और यों उसके हाथ से तलवार गिरा दूंगा।
23 मैं मिस्र-निवासियों को उनके देश से उखाड़ दूंगा, और विश्व की कौमों में बिखेर दूंगा। मैं उनको अन्य देशों में तितर-बितर कर दूंगा।
24 किन्तु मैं बेबीलोन के राजा की भुजा मजबूत करूंगा। मैं उसके हाथ में अपनी तलवार दूंगा। निस्सन्देह, मैं फरओ की भुजाओं को तोड़ दूंगा, और वह बेबीलोन के राजा के सामने ऐसे कराहेगा जैसा बुरी तरह घायल व्यक्ति कराहता है।
25 निश्चय ही मैं बेबीलोन के राजा की भुजाओं को मजबूत करूंगा, लेकिन फरओ की भुजाएं तोड़ दी जाएंगी, और वे कन्धे से लटकती रहेंगी। तब मिस्र के निवासियों को ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं। ‘जब मैं बेबीलोन के राजा के हाथ में तलवार दूंगा, तब वह उसको मिस्र देश पर चलाएगा,
26 और मैं विश्व की सब कौमों में मिस्र के निवासियों को तितर-बितर कर दूंगा। मैं उनको अन्य देशों में बिखेर दूंगा। तब उनको ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।’