Exodus 20
1 परमेश्वर ने ये समस्त वचन कहे:
2 ‘मैं प्रभु, तेरा परमेश्वर हूं, जो तुझे मिस्र देश से, दासत्व के घर से बाहर निकाल लाया।
3 तू मेरे अतिरिक्त किसी और को ईश्वर नहीं मानना।
4 ‘तू अपने लिए कोई मूर्ति न बनाना और न किसी प्राणी अथवा वस्तु की आकृति बनाना, जो ऊपर आकाश में अथवा नीचे धरती पर या धरती के नीचे जल में है।
5 तू झुककर उनकी वन्दना न करना और न उनकी सेवा करना; क्योंकि मैं तुम्हारा प्रभु परमेश्वर, ईष्र्यालु ईश्वर हूं। जो मुझसे घृणा करते हैं, उनके अधर्म का दण्ड मैं तीसरी और चौथी पीढ़ी तक उनकी संतान को देता रहता हूं।
6 परन्तु मुझ से प्रेम करने वाले और मेरी आज्ञा का पालन करने वाले व्यक्तियों पर मैं हजार पीढ़ियों तक करुणा करता हूं।
7 ‘तू अपने प्रभु परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना; क्योंकि जो व्यक्ति प्रभु का नाम व्यर्थ लेगा, उसे प्रभु निर्दोष घोषित नहीं करेगा।
8 ‘विश्राम दिवस को पवित्र मानने के लिए स्मरण रखना।
9 तू छ: दिन तक परिश्रम करना, अपने सब कार्य करना।
10 किन्तु सातवां दिन तेरे प्रभु परमेश्वर का विश्राम दिवस है। इसलिए तू, तेरे पुत्र-पुत्री, सेवक-सेविका, तेरे पशु और तेरे नगरों में रहने वाले प्रवासी व्यक्ति उस दिन कोई कार्य न करें।
11 क्योंकि प्रभु ने छ: दिन में आकाश, पृथ्वी, समुद्र एवं उन सबको बनाया, जो उनमें हैं, तथा सातवें दिन विश्राम किया। अत: प्रभु ने विश्राम दिवस को आशीष दी, और उसे पवित्र घोषित किया।
12 ‘अपने माता-पिता का आदर कर जिससे तेरी आयु उस भूमि पर दीर्घ हो सके जिसे तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे प्रदान कर रहा है।
13 ‘तू हत्या न करना।
14 ‘तू व्यभिचार न करना।
15 ‘तू चोरी न करना।
16 ‘तू अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना।
17 ‘तू अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना। तू अपने पड़ोसी की पत्नी, उसके सेवक-सेविका, बैल-गधे, तथा उसकी किसी भी वस्तु का लालच न करना।’
18 जब लोगों ने मेघ-गर्जन, विद्युत का चमकना, नरसिंगे का स्वर और पहाड़ से धुआं निकलता हुआ देखा तब वे डरकर कांपने लगे। वे दूर खड़े हो गए।
19 उन्होंने मूसा से कहा, ‘आप हमसे बात कीजिए। हम आपकी बात सुनेंगे। किन्तु परमेश्वर को हमसे बात न करने दीजिए; अन्यथा हम मर जाएंगे।’
20 मूसा लोगों से बोले। ‘मत डरो; क्योंकि परमेश्वर तुम्हें परखने आया है कि उसका भय तुम्हारी आंखों के सम्मुख बना रहे और तुम पाप न करो।’
21 मूसा सघन मेघ के निकट गए, जहाँ परमेश्वर था। पर लोग दूर खड़े रहे।
22 प्रभु ने मूसा से कहा, ‘तू इस्राएली समाज से यों कहना, “तुमने स्वयं देखा कि मैंने स्वर्ग से तुमसे बातें कीं।
23 तुम चांदी के देवता न बनाना कि तुम मेरे साथ उनकी भी आराधना करो; और न अपने लिए स्वर्ण-देवता बनाना।
24 तू मिट्टी की एक वेदी बनाना और उस पर मुझे अपनी अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि, अपनी भेड़ और बैल की बलि चढ़ाना। प्रत्येक स्थान में, जहाँ मैं अपना नाम स्मरण के लिए प्रतिष्ठित करता हूं, वहाँ मैं आकर तुझे आशीष दूंगा।
25 किन्तु जब तू मेरे लिए पत्थरों की वेदी बनाता है तो उसे तराशे हुए पत्थरों की न बनाना। क्योंकि जब तू तराशने के लिए उस पर औजार उठाएगा, तब उसे अपवित्र कर देगा।
26 तू मेरी वेदी पर सीढ़ियों से मत चढ़ना जिससे तेरी नग्नता उस पर प्रकट न हो।”