Colossians 4
1 स्वामियो! आप यह जान कर अपने दासों के साथ न्यायपूर्ण और उचित व्यवहार करें कि स्वर्ग में आप के भी एक स्वामी हैं।
2 आप लोग सजग हो कर प्रार्थना और धन्यवाद में लगे रहें।
3 आप हमारे लिए भी प्रार्थना करें, जिससे परमेश्वर शुभ-सन्देश सुनाने को हमारे लिए द्वार खोल दे और मसीह का रहस्य, जिस के लिए मैं अभी बेड़ियों से जकड़ा हुआ हूँ, घोषित करने का सुअवसर प्रदान करे।
4 आप प्रार्थना करें, जिससे मैं इस रहस्य को उपयुक्त शब्दों में प्रकट कर सकूँ।
5 आप बाहरवालों के साथ बुद्धिमानी से व्यवहार करें। वर्तमान समय से पूरा-पूरा लाभ उठायें।
6 आपकी बातचीत सदा मनोहर और सुरुचिपूर्ण हो और आप प्रत्येक को समुचित उत्तर देना सीखें।
7 विश्वस्त धर्मसेवक और प्रभु की सेवा में मेरे साथी, हमारे प्रिय भाई तुखिकुस आप लोगों को मेरे विषय में सब बातें बतायेंगे।
8 मैं उन्हें आप लोगों के पास इसलिए भेज रहा हूँ कि आप हमारे विषय में पूरा समाचार जानें और इसलिए भी कि आप को प्रोत्साहन दें।
9 इनके साथ आपके देशवासी, हमारे विश्वस्त और प्रिय भाई उनेसिमुस भी जा रहे हैं। ये दोनों आप लोगों को यहाँ का पूरा हाल बतायेंगे।
10 अरिस्तर्खुस, जो मेरे साथ कैदी हैं, और बरनबास का भांजा मारकुस आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। मारकुस के विषय में आप को अनुदेश मिल चुके हैं। यदि वह आप लोगों के यहाँ आयें, तो उनका स्वागत करें।
11 यहोशुअ उपनाम यूस्तुस भी आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। खतनेवाले भाइयों में से ये तीन ही परमेश्वर के राज्य के लिए मेरे साथ काम कर रहे हैं। इन से मुझे बड़ी सान्त्वना मिली है।
12 आपके देशवासी इपफ्रास आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। येशु मसीह के यह सेवक निरन्तर आप लोगों के लिए संघर्षमय प्रार्थना करते हैं, जिससे आप लोग सब बातों में परमेश्वर की इच्छा पूर्ण रूप से पूरी करने में सुदृढ़ बने रहें।
13 मैं इनके विषय में यह साक्षी दे सकता हूँ कि यह आप लोगों के लिए और लौदीकिया तथा हियेरापुलिस के निवासियों के लिए बहुत कष्ट उठा रहे हैं।
14 प्रिय वैद्य लूकस और देमास आप लोगों को नमस्कार कहते हैं।
15 लौदीकिया के भाई-बहिनों को नमस्कार। बहिन नुम्फा और उनके घर में एकत्र होने वाली कलीसिया को नमस्कार।
16 जब यह पत्र आप लोगों के यहाँ पढ़ कर सुनाया जा चुकेगा, तब आप ऐसा प्रबन्ध करें कि यह लौदीकिया नगर की कलीसिया में भी पढ़कर सुनाया जाये और लौदीकिया की कलीसिया के नाम लिखा हुआ पत्र आप लोग भी पढ़ें।
17 आप लोग भाई अर्खिप्पुस से यह कहें, “जो धर्मसेवा आप को प्रभु के नाम पर सौंपी गयी है, उसे अच्छी तरह पूरा करने का ध्यान रखिए।”
18 यह नमस्कार पौलुस का है- यह मेरे अपने हाथ का लिखा हुआ है। मेरी बेड़ियाँ याद रखें। आप लोगों पर कृपा बनी रहे!