Amos 9
1 मैंने प्रभु को वेदी के समीप खड़े हुए देखा। उसने आदेश दिया, ‘खम्भों के शीर्ष पर प्रहार कर ताकि ड्योढ़ियाँ हिलने लगें; तू खम्भों को ध्वस्त कर; उन्हें लोगों के सिर पर गिरा। जो उससे बच जाएंगे, मैं उनको तलवार से मौत के घाट उतारूंगा। उनमें एक भी व्यक्ति नहीं बचेगा। वह प्राण बचाकर भाग न सकेगा।
2 यदि वे गड्ढा खोदकर अधोलोक में छिपेंगे तो मैं अपना हाथ बढ़ाकर उन्हें वहां से खींच लूंगा। यदि वे आकाश में चढ़ेंगे तो मैं उन्हें पकड़कर धरती पर उतार दूंगा।
3 यदि वे कर्मेल पर्वत के शिखर पर छिपेंगे तो मैं वहां भी उन्हें खोज कर पकड़ लूंगा। यदि वे मेरी आंखों से छिपकर सागर के तल में चले जाएंगे, तो मैं सर्प को आदेश दूंगा, और वह उनको डस लेगा।
4 यदि उनके शत्रु उनके देश से उन्हें निर्वासित कर अपने देश में ले जाएंगे, तो मैं तलवार को आदेश दूंगा, और वह उनको मौत के घाट उतार देगी। मैं उनकी भलाई के उद्देश्य से नहीं, वरन् हानि पहुँचाने के लिए उन पर दृष्टिपात करूंगा।’
5 स्वर्गिक सेनाओं के स्वामी-प्रभु के स्पर्श से धरती पिघलती है, और उस पर रहनेवाले सब शोक करते हैं। नील नदी की बाढ़ के समान धरती उछलती; और मिस्र देश की नील नदी के समान वह फिर शान्त हो जाती है।
6 प्रभु ने स्वर्ग में अपने उपरले कक्ष बनाए हैं, उसने आकाशमण्डल को पृथ्वी पर खड़ा किया है। वह सागर के जल को भाप के रूप में बुलाता है, और फिर वर्षा के रूप में उसको पृथ्वी की सतह पर उण्डेल देता है। उसका नाम प्रभु है।
7 ‘ओ इस्राएल वंशियों, तुम मेरे लिए इथियोपिओं के समान हो।’ प्रभु यह कहता है, ‘क्या मैंने तुम्हें मिस्र देश से, पलिश्तियों को कप्तोर देश से सीरिया-वासियों को कीर देश से नहीं निकाला था?
8 देखो, मैं तुम्हारा स्वामी-प्रभु, तुम्हारे पापमय राज्य को देख रहा हूं। मैं पृथ्वी की सतह से तुम्हारे राज्य को मिटा दूंगा। पर हां, मैं याकूब वंश को पूर्णत: नष्ट नहीं करूंगा।’ प्रभु ने यह कहा है।
9 ‘मैंने यह निश्चय किया है: मैं इस्राएली राष्ट्र को अन्य राष्ट्रों में सूपे से छानूंगा; जैसे तुम छलनी से गेहूं और कंकड़ छानते हो, और एक भी कंकड़, भूमि पर नहीं गिरता।
10 मेरी प्रजा में उपस्थित समस्त पापी तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे। वे यह दावा करते हैं: “संकट हम पर नहीं आएगा, अनिष्ट हमारे पास तक नहीं फटकेगा।” ’
11 ‘उस दिन मैं दाऊद की ध्वस्त झोपड़ी को खड़ा कर दूंगा, मैं उसकी दीवारों की दरारों को भरूंगा, उसके मलवे को उठाऊंगा, और प्राचीनकाल के समान उसका पुन: निर्माण करूंगा।
12 तब दाऊद के वंशज शेष एदोम-वंशियों पर, और मेरे कहलानेवाले सब राष्ट्रों पर अधिकार करेंगे।’ प्रभु ने यह कहा है, वह निस्सन्देह अपने यह वचन पूरा करेगा।
13 प्रभु यह कहता है: ‘देखो, समय आ रहा है जब हरित क्रांति होगी, फसल काटनेवाला कटाई समाप्त भी न कर पाएगा कि हल चलानेवाला आ पहुँचेगा; बीज बोनेवाले की बोआई पूरी भी न होगी कि दाखरस निकालने वाला आ जाएगा, पहाड़ों से मीठा अंगूर-रस टपकेगा, और सब पहाड़ियां उसमें डूब जाएंगी।
14 मैं अपने निज लोग इस्राएलियों की समृद्धि लौटा दूंगा। वे उजाड़ नगरों का पुन:निर्माण करेंगे, और उनको आबाद करेंगे। वे अंगूर-उद्यान लगाएंगे, और उनके फलों का रस पीएंगे। वे साग-सब्जी के बगीचे लगाएंगे, और उनके फल खाएंगे।
15 मैं उनके देश में उन्हें पुन: रोपूंगा। जो देश मैंने उन्हें दिया है, उन्हें वहां से फिर कभी नहीं उखाड़ूंगा’ तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने यह कहा है।