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2 Peter 2

:
Hindi - CLBSI
1 फिर भी इस्राएलियों में झूठे नबी भी प्रकट हुए और इसी प्रकार आप लोगों में झूठे धर्मशिक्षक उठ खड़े होंगे, जो गुप्‍त रूप से अनर्थकारी भ्रामक धारणाओं का प्रचार करेंगे। वे उस स्‍वामी को भी अस्‍वीकार करेंगे, जिसने उन्‍हें मोल लिया है, और इस प्रकार वे शीघ्र ही अपने विनाश का कारण बनेंगे।
2 बहुत-से लोग उनकी विलासिता का अनुसरण करेंगे और उनके कारण सत्‍य के मार्ग की निन्‍दा होगी।
3 वे लोभ के कारण अपनी मनगढ़न्‍त बातों द्वारा आप से अनुचित लाभ उठायेंगे। उनकी दण्‍डाज्ञा का निर्णय बहुत पहले हो चुका है और वह उनका पीछा कर रहा है। उनका विनाश सोया हुआ नहीं है!
4 स्‍मरण रखें: परमेश्‍वर ने पापी स्‍वर्गदूतों को भी क्षमा नहीं किया, बल्‍कि उन्‍हें नरक के अंधकार में न्‍याय-दिवस के लिए जंजीरों में जकड़ दिया है।
5 उसने पुरातन संसार को भी नहीं बचाया, बल्‍कि विधर्मियों के संसार को जल-प्रलय द्वारा नष्‍ट कर दिया, हालाँकि उसने सात अन्‍य व्यक्‍तियों के साथ धार्मिकता के प्रचारक नूह को सुरक्षित रखा।
6 परमेश्‍वर ने उन लोगों को चेतावनी देने के लिए, जो भविष्‍य में अधर्म करना चाहेंगे, सदोम और गमोरा नामक नगरों को भस्‍म कर विनाश का दण्‍ड दिया।
7 किन्‍तु उसने धर्मी लोट को बचाया, जो उन दुष्‍ट लोगों के व्‍यभिचारपूर्ण आचरण के कारण दु:खी था।
8 वह धर्मात्‍मा उन लोगों के बीच रह कर दिन पर दिन उनके कुकर्म देखता और सुनता था, इसलिए उसकी धर्मपरायण आत्‍मा को घोर कष्‍ट होता था।
9 इस प्रकार हम देखते हैं कि प्रभु धर्मात्‍माओं को संकटों से छुड़ाने और विधर्मियों को दण्‍ड देने के लिए उन्‍हें न्‍याय के दिन तक रख छोड़ने में समर्थ है,
10 विशेष रूप से उन लोगों को, जो अशुद्ध वासनाओं के वशीभूत हो कर भोग-विलास में जीवन बिताते और प्रभुत्‍व को तुच्‍छ समझते हैं। वे उद्धत एवं घमण्‍डी हैं और स्‍वर्गिक सत्‍वों की निन्‍दा करने से नहीं डरते,
11 जब कि स्‍वर्गदूत, जो उन लोगों से कहीं अधिक समर्थ और शक्‍तिशाली हैं, प्रभु की ओर से उनके विरुद्ध निन्‍दात्‍मक अभियोग नहीं लगाते।
12 किन्‍तु वे विवेकहीन पशुओं के समान हैं, जो स्‍वभावत: शिकार बनने और मारे जाने के लिए पैदा होते हैं। वे ऐसी बातों की निन्‍दा करते हैं, जिन्‍हें नहीं समझते। वे पशुओं की तरह नष्‍ट हो जायेंगे
13 और इस प्रकार अपने अधर्म का दण्‍ड भोगेंगे। वे दिन-दोपहर भोग-विलास में बिताना पसन्‍द करते हैं। वे कलंकित एवं दूषित हैं और आप लोगों के साथ दावत उड़ाते समय कपट-पूर्ण बातें करने में उन्‍हें आनन्‍द आता है।
14 उनकी आँखें व्‍यभिचार से भरी हैं और उन में कभी तृप्‍त होनेवाली पाप की भूख बनी हुई है। वे दुर्बल आत्‍माओं को लुभाते हैं। उनका मन लोभ में प्रशििक्षत हो चुका है। यह अभिशप्‍त सन्‍तति
15 सन्‍मार्ग छोड़ कर बोसोर के पुत्र बिलआम के मार्ग पर भटक गयी है। बिलआम अधर्म की मजदूरी चाहता था,
16 किन्‍तु उसे अपने अपराध की डाँट सुननी पड़ी। एक गूंगा गधा मनुष्‍य की तरह बोलने लगा और इस प्रकार नबी का पागलपन नियन्‍त्रित हो गया।
17 वे लोग सूखे जलस्रोत और आँधी द्वारा उड़ाये हुए बादल हैं। गहरा अन्‍धकार ही उनके लिए रख छोड़ा गया है।
18 जो लोग अभी-अभी भ्रान्‍ति का जीवन बिताने वालों से अलग हुए हैं, वे उन्‍हें व्‍यर्थ शब्‍दाडम्‍बर और शरीर की घृणित वासनाओं द्वारा लुभाते हैं।
19 वे उन्‍हें स्‍वतन्‍त्रता का प्रलोभन देते हैं, जब कि वे स्‍वयं भ्रष्‍टता के दास हैं; क्‍योंकि जो जिसके अधीन है, वह उसी का दास है।
20 जो व्यक्‍ति हमारे प्रभु एवं मुक्‍तिदाता येशु मसीह का ज्ञान प्राप्‍त कर संसार के दूषण से बच गये, वे यदि फिर उसी में फँस कर उसके अधीन हो जाते हैं, तो उनकी यह पिछली दशा पहली से भी बुरी होती है।
21 ऐसे लोग अपने को प्रदत्त पवित्र आदेशों का ज्ञान प्राप्‍त कर उन से मुँह फेर लेते हैं। उनके लिए अच्‍छा यही होता कि उन्‍हें धर्म-मार्ग का ज्ञान कभी प्राप्‍त नहीं हुआ होता।
22 उन लोगों में सही अर्थ में यह कहावत चरितार्थ होती है, “कुत्ता अपने ही वमन के पास लौटता है” और “नहलायी हुई सूअरी फिर कीचड़ में लोटती है।”