1 Chronicles 15
1 दाउद ने दाउद-पुर में अपने लिए भवन बनाए। उसने परमेश्वर की मंजूषा के लिए एक स्थान भी तैयार किया। उसने मंजूषा के लिए वहां एक तम्बू गाड़ा।
2 तत्पश्चात् दाऊद ने यह आदेश दिया, ‘केवल लेवी कुल के उप-पुरोहित परमेश्वर की मंजूषा को वहन करेंगे; क्योंकि स्वयं प्रभु ने अपनी मंजूषा को वहन करने के लिए तथा स्थायी रूप से अपनी सेवा करने के लिए लेवी कुल के उप-पुरोहितों को चुना था।’
3 दाऊद ने प्रभु की मंजूषा को वापस लाने, और उसको उस स्थान पर प्रतिष्ठित करने के लिए, जिसको उसने मंजूषा के लिए तैयार किया था, समस्त इस्राएलियों की धर्मसभा यरूशलेम नगर में बुलाई।
4 तत्पश्चात् दाऊद ने हारून वंश के पुरोहितों तथा लेवी कुल के उपपुरोहितों को एकत्र किया:
5 कहात गोत्र से अगुआ ऊरीएल। इसके साथ इसके एक सौ बीस चचेरे भाई-बन्धु थे।
6 मरारी गोत्र से अगुआ असायाह। इसके साथ इसके दो सौ बीस चचेरे भाई-बन्धु थे।
7 गेर्शोम गोत्र से अगुआ योएल। इसके साथ इसके एक सौ तीस चचेरे भाई-बन्धु थे।
8 एलीसापान गोत्र से अगुआ शमअयाह। इसके साथ इसके दो सौ चचेरे भाई-बन्धु थे।
9 हेब्रोन गोत्र से अगुआ एलीएल। इसके साथ इसके अस्सी चचेरे भाई-बन्धु थे।
10 ऊज्जीएल गोत्र से अगुआ अम्मीनादब। इसके साथ इसके एक सौ बारह चचेरे भाई-बन्धु थे।
11 तब दाऊद ने पुरोहित सादोक और पुरोहित एबयातार तथा ये उप-पुरोहित बुलाए: ऊरीएल, असायाह, योएल, शमअयाह, एलीएल और अम्मीनादब।
12 दाऊद ने उनसे यह कहा, ‘आप लोग लेवी पितृकुल के अगुए हैं। आप अपने आपको तथा अपने चचेरे भाई-बन्धुओं को शुद्ध करें। आप-सब इस्राएल के प्रभु परमेश्वर की मंजूषा को उठाकर उस स्थान पर लाएंगे जिसको मैंने मंजूषा के लिए तैयार किया है।
13 हमारा प्रभु परमेश्वर पहली बार हम पर इसलिए टूट पड़ा था; क्योंकि आप लोग उसकी मंजूषा को उठाकर नहीं लाए थे। इसके अतिरिक्त हमने विधि के अनुसार कार्य नहीं किया था और उसकी उपेक्षा की थी।’
14 अत: पुरोहितों और उप-पुरोहितों ने इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर की मंजूषा को उठाकर लाने के लिए स्वयं को शुद्ध किया।
15 पुरोहित-उपपुरोहितों ने मंजूषा के डण्डों को अपने कन्धों पर रखा और उसको उठाकर ले गए। ऐसा ही प्रभु ने मूसा के माध्यम से आदेश दिया था।
16 दाऊद ने उप-पुरोहितों के अगुओं को यह आदेश दिया कि वे अपने चचेरे भाई-बन्धुओं को गायक और वादक के पद पर नियुक्त करें। ये संगीतकार सारंगी, वीणा और झांझ बजाएंगे और उच्च स्वर में आनन्दपूर्वक गाएंगे।
17 अत: उप-पुरोहितों के अगुओं ने इन व्यक्तियों को नियुक्त किया: हेमान बेन-योएल, और उसका भाई आसाफ बेन-बेरेकयाह; मरारी गोत्र के एतान बेन-कुशायाह।
18 इनके साथ इनके चचेरे भाई-बन्धु भी थे जो उनके सहायक थे। उनके नाम इस प्रकार हैं: जकर्याह, यअजीएल, शमीरमोट, यहीएल, ऊन्नी, एलीआब, बनायाह, मअसेयाह, मत्तित्याह, एलीपलेहू और मिकनेयाह तथा ओबेद-एदोम और यीईएल, जो द्वारपाल थे।
19 इन व्यक्तियों के ये कार्य थे: गायक हेमान, आसाफ और एतान कांस्य की झांझ पर राग-रागनियां गाएंगे-बजाएंगे।
20 जकर्याह, अजीएल, शमीरामोट और यहीएल, ऊन्नी, एलीआब, मअसेयाह और बनायाह सारंगी पर अलामोत राग बजाएंगे।
21 मत्तित्याह, एलीपलेहू, मिकनेयाह, ओबेद-एदोम, यीईएल और अजजियाह वीणा पर शमीनीत राग बजाएंगे।
22 इन सब गायकों और वादकों का अगुआ कननयाह था। वह राग-रागिनियों का जानकार था। अत: वह संगीत का निर्देशन करेगा।
23 बेरेकयाह और एलकानाह मंजूषा के प्रहरी होंगे।
24 ये पुरोहित परमेश्वर की मंजूषा के सम्मुख तुरहियां बजाएंगे: शबनयाह, योशापाट, नटनएल, अमासई, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर। ओबेद-एदोम और यहियाह भी मंजूषा के प्रहरी होंगे।
25 अत: दाऊद, इस्राएलियों के धर्मवृद्ध और सेनानायक ओबेद-एदोम के घर गए कि वे वहां से प्रभु की विधान-मंजूषा आनन्दपूर्वक लाएं।
26 प्रभु परमेश्वर ने अपनी मंजूषा के वाहक उप-पुरोहितों की सहायता की। अत: उन्होंने सात बैल और सात मेढ़ों की बलि चढ़ाई।
27 दाऊद, मंजूषा के वाहक उप-पुरोहित, गायक तथा गायक-वादकों का अगुआ कननयाह, ये सब सन वस्त्र के बने अंगरखे पहिने हुए थे। दाऊद ने सन वस्त्र का बना एपोद धारण किया था।
28 यों सब इस्राएली प्रभु की विधान-मंजूषा को उठाकर ले चले। वे जय-जयकार कर रहे थे। वे नरसिंगे और तुरहियां फूंक रहे थे। वे झांझ बजा रहे थे। वे सारंगी और वीणा पर राग-रागिनियां बजा रहे थे।
29 जब प्रभु की विधान-मंजूषा ने दाऊदपुर में प्रवेश किया, तब शाऊल की पुत्री मीकल ने खिड़की से झांका। उसने देखा कि राजा दाऊद प्रभु के सम्मुख उछल-कूद रहा है, नाच रहा है। उसने अपने हृदय में दाऊद का तिरस्कार किया।